केर -सांगरी
राजस्थान की फेमस सब्जी हैं केर सांगरी। हमेशा आपने सुखी हुई केर सांगरी बनायीं होगी। पर ये किसे सुखाई जाती आज हम आपको बता रहे हैं। ये राजस्थान के वातावरण अनुरूप होती हैं। और इसकी सब्जी बहुत ही टेस्टी बनती हैं। केर सांगरी अलग-२ पेड़ो पैर लगती हैं। सांगरी खेजड़ी के पेड़ पैर और केर केर की झड़ियो मे। केर -सांगरी अप्रैल के महीने में आनाी शुरू हो जाती हैं।
हरी सांगरी को उबाल केर सुख्या जाता हैं ,और जब सब्जी बनानी हो उस सुखी सांगरी को उपयोग में लाया जाता हैं। केर की सब्जी के साथ उसका अचार बहुत टेस्टी बनता हैं। केर को भी नमक के पानी में डाल केर रेखा जाता हैं अचार बनाने से पहले।
केर का पेड़
केर सांगरी की सब्जी आपको को किसे भी राजस्थानी रेस्ट्रोरेंट में मिल जायेगी। अगर इस बार आप राजस्थान जाये तो टेस्ट जरूर केजियेगा। और अगर आप राजस्थानी हैं थो उनको कहने की जरूरत नही हैं। क्युकी ये मोस्टली सबको पसंद होती हैं।
खेजड़ी इन पेड़ो के जायदा पानी की जरूरत नहीं होती। ये राजस्थान के के सूखे मेवे भी कहलाते हैं। केर की झड़िया कंटीली होती हैं इस पर छोटे -२ केर बेर की तरह लगते हैं ये कड़वा होता इस्सलिये इसे मिटी के मटके में नमक के पानी में डाल केर कड़वाहट काम की जाती हैं। फिर इसकी सब्जी और अचार बनाया जाता हैं सांगरी खेजड़ी के पेड़ पर लेती इससे गीली को तोड़कर केर उबाल केर सुख्या जाता हैं और फिर इसकी सब्जी बनायीं जाती हैं। इसकी फली सूखने के बाद मीठी हो जाती हैं ,जिसे खोखा भी कहते हैं। केर सांगरी राजस्थान में चाव खायी जाती और अपने पावणो (मेहमानो )को भी प्यार से परोसी जाती हैं। अगर आप राजस्थानी हैं तो आपको इस्सकी एहमियत पता हैं और सवाद भी। और अगर राजस्थानी नहीं हैं तो एक बार टेस्ट जरूर करे।
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