Nani ka gher

गर्मियो की छुटिया हो चुकी हैं पर आजकल के बच्चे हॉब्बी क्लासेज ,डांस क्लासेज और पता नहीं दूसरी क्लासेज में बिजी हैं। हमारे लिए तो गर्मियों की छुटियो का मतलब नानी का घर। जिसे ही स्कूल ओवर होता और गर्मियों की छुटिया होती नानी के घर चेले जाते और फिर शुरू होती हम सब बचो की मस्ती। सब बचे नानी के घर आते और उस समय वहा की रौनक ही  और हो ती। रोज नए -२ पकवान और बहुत  कुछ नानीसा और मामी सा के हाथ का खाने को मिलता। हम बचो की तो मौोज हो जाती थी ।  नानोसा से कहानिया सुन केर सोना। नानीसा के हाथ का घी लूणा खाना , पुरे गांव को पता चल केर जाता थी इनके बचे आये हुए हैं ,सुबह जल्दी खेत जाना नानोसा के साथ। उन से किस्से सुनते जाना। वो सिर्फ किस्से नहीं थे उनके बदले बच्चे अपनी परम्परा और इतियास किस्से और कहानियो के जेरिया बड़ो से छोटे म आते थे।  बच्चो को अपने बड़ो से बहुत कुछ सीखने को मिलता था।
 

आंगन  में खेलना। अपने सब रिश्तेदारों से मिलना ,छोटे नानीसा बड़े नानिसा मामोसा ममीसा। और अपनी बचो की मण्डली बस और क्या चाहिए था। लाइट नहीं होती थी थो गर्मी नहीं लगती थी क्युकी नानीसा पंखी से हवा केर देते थे। मम्मी डांट देती थो बचाने वाले बहुत थे। ऐसे एक -२ करके छुटिया निकल जाती वापिस आने समय हो जाता पर वापस आने का मन नहीं कर था।नानीसा बहुत सारे गिफ्ट और नानोसा मीठी गोोलियो के पैसे देते थे ,सब रिश्तेदार  पैसे देते थो छोटी -२ हाथलिया भर जाती थी। वो मात्र पैसे नहीं उनका बहुत सारा प्यार था।  प्यार से माथे पर हाथ फेर कर  कहना जल्दी आना , अगली छटियो मे फिर आने का बोल केर रवाना होते थे , उदास चेहरा देख केर मम्मी बोलते  वापिस  आयंगे ना।  सब का उदास मुँह देख, अपने आंसू भी नहीं रोक पाते। क़ाश फिर कोई वो बचपन लोटा दे। वो नानीसा की गोदी मैं बैठे केर कहानी  सुन सकू नानोसा से बहुत सारे किस्से सुन सुकु। उनका प्यार याद आता हैं 
क्युकी मुझे नानी घर  का याद आता हैं ,आज बड़े हो गए और नानोसा नानीसा भी बूढ़े हो गए पर  वही जो रिस्ता हैं वो बहुत strong हैं। उनका प्यार वही हैं बस हम बड़े हो गए हैं ,बिजी हो गए अपनी लाइफ मैं। इस भागदौड़ मैं बड़ी-२ खुशियों के चकर मैं छोटे -२ पल जीना भूल गए हैं 
थो अगर इस बार आप अपने बचो की एक्स्ट्रा क्लासेज या हॉबी क्लासेस के वजेह से नहीं जा पा रहे तो  ,प्लीज जाये, जरूर ,भले  ही  १ वीक ही रुके पर जाये जरूर क्युकी बच्चो  को उनके नाना-नानी से औरआपको  अपने मम्मी -पापा से मिलना चाहिए  थोड़ा समय उनके साथ बिताये क्युकी उनको भी आप के बच्चो और आप का इन्तज़ाए रेहताहैं। छोटी-२ खुशिया और पल सजो ले क्युकी कल आप भी जब नाना-नानी बने तो ,आपके पास बहुत सारे किस्से और कहानिया हो.,  
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